कंप्यूटर का परिचय | Introduction of Computer | Definition, Characteristics, Limitations, Importance, Full Form of Computer - कंप्यूटर का सम्पूर्ण ज्ञान
हेलो दोस्तो, कंप्यूटर क्या है? What is Computer? कंप्यूटर की परिभाषा? Definition of Computer? कंप्यूटर की विशेषता? Characteristics of Computer? कंप्यूटर की सीमाएं? Limitations of Computer? कंप्यूटर का महत्व? Importance of Computer? कंप्यूटर का फुल फॉर्म? Full Form of Computer? अगर आपके मन में यह सभी सवाल घूम रहे हैं, तो आपको इस पोस्ट में कंप्यूटर से जुड़ी सभी सवालों के जवाब मिल जाएंगे।
अगर आप एक विद्यार्थी हैं या आप कोई कॉम्पिटिशन की तैयारी कर रहे हैं तो आपके लिए कंप्यूटर की बेसिक जानकारी का होना बहुत ज्यादा जरूरी है। आपको हमारी वेबसाइट टेक हिन्दी ज्ञान में कंप्यूटर से जुड़ी हर जानकारी मिल जाएंगी। और इस पोस्ट में कंप्यूटर का परिचय यानी कंप्यूटर की बेसिक जानकारी दी गई हैं। तो चलिए दोस्तों जल्दी से सीख लेते हैं कंप्यूटर केे बार में।
कंप्यूटर क्या है? What is Computer?
कंप्यूटर शब्द की उत्पत्ति अंग्रेजी भाषा के कंप्यूट (Compute) शब्द से हुई है। जिसका अर्थ है गणना करना। इसे हिंदी में "संगणक" कहा जाता है। कंप्यूटर का आविष्कार खासतौर पर गणना (Calculation) करने के लिए ही हुआ था। कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है जो डाटा तथा सूचना को इनपुट के रूप में लेता है। सूचना के अनुसार उनका विश्लेषण करता है और जरूरी रिजल्ट्स को तय समय पर आउटपुट के रूप में देता है।
कंप्यूटर के जनक चार्ल्स बैबेज (Charles Babbage) को कहा जाता है, इनका जन्म लदंन में हुआ था। यह डाटा, सूचना (Software), और रिजल्ट्स को स्टोर भी करता है। ताकि जरूरत पड़ने पर इनका उपयोग किया जा सके। यह डाटा के स्टोरेज, फास्ट स्पीड और error free तरीके से उसके विश्लेषण का कार्य करता है। कंप्यूटर हमेशा इनपुट प्रोसेस और आउटपुट के रूप में कार्य करता है।
कंप्यूटर की परिभाषा? Definition of Computer?
Oxford Dictionary के अनुसार, "कंप्यूटर एक स्वचालित इलेक्ट्रॉनिक मशीन है जो अनेक प्रकार की तर्कपूर्ण गणनाओं के लिए प्रयोग किया जाता है।"
कंप्यूटर वह मशीन हैं जो डाटा स्वीकार करता है, उसे स्टोर करता है, दिए गए इनपुट के अनुसार उनका विश्लेषण करता है और Analysed Results को जरूरत के हिसाब से यूजर्स को दिखाता है।
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कंप्यूटर का पूरा नाम (Full Form of Computer)
C | Commonly |
O | Operating |
M | Machine |
P | Particularly |
U | Used for |
T | Trade |
E | Education & |
R | Research |
कंप्यूटर का पूरा नाम (हिन्दी में)
सी | आम तौर पर |
ओ | संचालित |
एम | मशीन |
पी | विशेष रूप से |
यू | प्रयुक्त |
ती | तकनीकी, व्यापार |
ई | शैक्षणिक |
आर | अनुसंधान |
कंप्यूटर सिस्टम के घटक? Components of Computer System?
किसी भी कंप्यूटर सिस्टम को मुख्य रूप से तीन भागों में बांटा जा सकता है :1) हार्डवेयर (Hardware)
2) सॉफ्टवेयर (Software)
3) डाटा (Data)
1) हार्डवेयर (Hardware)
हार्डवेयर, कंप्यूटर मशीन का वह Physical Part है जिसे हम छू (Touch) कर महसूस कर सकते हैं। जैसे - keyboard, mouse, monitor, CPU, printer, hard disk drive, motherboard, processor, speaker, UPS, RAM, Etc.
2) सॉफ्टवेयर (Software)
सॉफ्टवेयर, निर्देशों और प्रोग्राम का वह समूह है जो कंप्यूटर को यह बताता है कि उसे क्या और कैसे करना है। यह यूजर्स को कंप्यूटर पर कार्य करने का एक प्लेटफार्म प्रदान करता है। सॉफ्टवेयर के बिना कंप्यूटर सिर्फ एक बंद पड़ी बेकार मशीन है। कंप्यूटर का हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर के निर्देशों के अनुसार ही काम करता है। कंप्यूटर का एक ही हार्डवेयर अलग-अलग सॉफ्टवेयर के निर्देशों के आधार पर अलग-अलग कार्य कर सकता है।
सॉफ्टवेयर को हम अपनी आंखों से नहीं देख सकते, और ना ही इसे हाथों के जरिए छुआ जा सकता है। क्योंकि इसका कोई भौतिक अस्तित्व (Physical Existence) नहीं होता है। यह एक आभासी वस्तु है जिसे केवल समझा जा सकता है। तो इस तरह से अगर हार्डवेयर कंप्यूटर का शरीर है तो सॉफ्टवेयर उसकी आत्मा है।
3) डाटा (Data)
कंप्यूटर में मौजूद सभी प्रकार के फाइल जो अव्यवस्थित रूप में संकलन है, डाटा कहलाता है। डाटा को इंफॉर्मेशन भी कहते हैं, या हम यह भी कह सकते हैं कि इंफॉर्मेशन ही डाटा है। इनपुट किए गए processed data को इंफॉर्मेशन कहते हैं। और इंफॉर्मेशन सभी यूजर्स के लिए बहुत जरूरी होता है। उदाहरण के तौर पर, एक न्यूज़ एंकर न्यूज़ पड़ता है तो वह हमारे लिए इंफॉर्मेशन होती है, पर न्यूज़ एंकर के लिए वह एक Processed Data होता है।
कंप्यूटर में मौजूद अव्यवस्थित रॉ डाटा (Raw Data) को कलेक्ट कर उन डाटा की प्रोसेसिंग करके इंफॉर्मेशन तैयार की जाती है। कंप्यूटर को हम जो इनपुट देते हैं वह रॉ डाटा (Raw Data) होता है। कंप्यूटर उस रॉ डाटा को प्रोसेस करता है। डाटा की प्रोसेसिंग करने पर इंफॉर्मेशन तैयार होती है। डाटा को दो प्रकार में विभाजित किया जा सकता है -
1) संख्यात्मक डाटा (Numerical Data)
वह डाटा जो संख्या से बनते हैं जैसे - 0, 1, 2 ,3 ,4 ...........9. संख्यात्मक डाटा कहलाता है। यह अंकों से बना डाटा है, जिसमें 0, 1 से 9 तक अंको का प्रयोग किया जाता है। इस तरह के डाटा पर हम अंकगणितीय क्रियाएं कर सकते हैं। जैसे - स्टूडेंट्स के रिजल्ट्स, कर्मचारियों का वेतन, इत्यादि।
2) चिन्नहात्मक डाटा (Alphanumeric Data)
वह डाटा जिसमें Alphabet (A से Z तक), Numbers (0, 1 से 9 तक) और Symbols (@,&,*,#,$,%,₹,√,+,?,etc.) होते है, उन्हें चिन्नहात्मक डाटा कहते हैं। इनमें अक्षरों, अंकों तथा चिन्हों का प्रयोग किया जाता है। इसमें अंकगणितीय क्रियाएं नहीं की जा सकती, पर इनकी तुलना की जा सकती है। जैसे - कर्मचारियों का पता।
इलेक्ट्रॉनिक डाटा प्रोसेसिंग (Electronic Data Processing)
डाटा की उपयोगिता के अनुसार किए जाने वाला विश्लेषण डाटा प्रोसेसिंग कहलाता है। आपने देखा होगा की जब हमें कोई इंफॉर्मेशन लेनी होती है तो हम उस जानकारी से संबंधित डाटा का संकलन करते हैं यानी इकट्ठा करते हैं। और इन डाटा का अपने जरूरत के हिसाब से विश्लेषण यानी डाटा प्रोसेसिंग करते हैं। और इसके बाद जो अर्थपूर्ण डाटा निकलता है उसे सूचना (Information) कहते हैं। जैसा कि ऊपर बताया गया है किस कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है, इस प्रकार कंप्यूटर के द्वारा जो भी डाटा प्रोसेसिंग की जाती है वह सभी इलेक्ट्रॉनिक डाटा प्रोसेसिंग कहलाता है। इलेक्ट्रॉनिक डाटा प्रोसेसिंग को शॉर्ट में EDP भी कहते हैं।
इलेक्ट्रॉनिक डाटा प्रोसेसिंग में स्वचालित तरीकों (Automated Method) का उपयोग किया जाता है डाटा को प्रोसेस करने के लिए। क्योंकि अगर आपके पास डाटा बहुत ज्यादा है तो उसे मैनुअल तरीके से प्रोसेस करने में बहुत ज्यादा समय बर्बाद हो जाता है। लेकिन इलेक्ट्रॉनिक डाटा प्रोसेसिंग में बहुत कम समय में बहुत बड़े और ज्यादा डाटा का प्रोसेस किया जा सकता है।
कंप्यूटर की विशेषताएं (Characteristics of Computer)
कंप्यूटर की निम्नलिखित विशेषताएं होती है :1) गति (Speed)
कंप्यूटर एक सेकंड में लाखों गणनाए कर सकता है। किसी इंसान द्वारा पूरे साल में किए जाने वाले कार्य को कंप्यूटर कुछ ही सेकेंड में कर सकता है। कंप्यूटर, प्रोसेसर के स्पीड को हर्ट्ज (Hz) में मापते हैं। वर्तमान समय में कंप्यूटर नैनो सेकंड में गणनाएं कर सकता है। कंप्यूटर की गति को एक सेकंड में प्रोसेस किए गए निर्देशों की संख्या के आधार पर मापा जाता है। वर्तमान में कंप्यूटर एक सेकंड में दस लाख (Million) से भी अधिक निर्देशों को प्रोसेस कर सकता है। अतः कंप्यूटर की गति को MIPS (Million Instructions per Second) मैं मापा जाता है।
2) स्वचालित (Automatic)
कंप्यूटर एक स्वचालित मशीन हैं, जिसमें Calculation के वक़्त मनुष्य की भूमिका ना के बराबर होती हैं। हालांकि, कंप्यूटर को कार्य करने के लिए निर्देश मनुष्य द्वारा ही दिए जाते हैं। पर एक बार आदेश दिए जाने के बाद वह बिना रुके कार्य कर सकता हैं।
3) त्रुटि रहित कार्य (Accuracy)
कंप्यूटर की गणनाए लगभग त्रुटि रहित (Error Free) होती है। गणना के दौरान अगर कोई त्रुटि (Error) पाई भी जाती है तो वह प्रोग्राम या डाटा में मानवीय गलतियों के कारण होती है। अगर डाटा और प्रोग्राम सही है तो कंप्यूटर हमेशा सही परिणाम ही देता है। कभी-कभी वायरस (Virus) के कारण भी कंप्यूटर में त्रुटियां आ जाती है।
4) स्थाई भंडारण क्षमता (Permanent Storage)
कंप्यूटर में लगी मेमोरी को डाटा, सूचना और निर्देशों के स्थाई भंडारण (Permanent Storage) के लिए प्रयोग किया जाता है। चुकी कंप्यूटर में सूचनाएं इलेक्ट्रॉनिक तरीके से संग्रहित की जाती है, अतः सूचना के समाप्त या नष्ट होने की संभावना कम रहती है।
5) विशाल भंडारण क्षमता (Large Storage Capacity)
कंप्यूटर के internal और external storage device जैसे - Hard Disk, Floppy Disk, Magnetic Tap, CD Rom, etc. में असीमित डाटा और सूचनाओं का स्टोरेज किया जा सकता है। कंप्यूटर में सूचनाएं कम स्थान घेरती है, अतः इसकी भंडारण क्षमता विशाल और असीमित है।
6) भंडारित सूचना को तीव्र गति से प्राप्त करना (Fast Retrieval)
कंप्यूटर के द्वारा कोई भी Storage Information में से कुछ ही सेकंड में Important Information को निकाला (Find) जा सकता है। अगर हमें कंप्यूटर के किसी डाटा की आवश्यकता पड़े, तो हम कंप्यूटर के भंडारित सूचना (storage information) में से कुछ ही सेकंड में उस डाटा को प्राप्त कर सकते हैं। रैम (RAM - Random Access Memory) के प्रयोग से यह काम और भी आसान हो गया है।
7) जल्द निर्णय लेने की क्षमता (Quick Decision)
कंप्यूटर परिस्थितियों का विश्लेषण करके पूर्व में दिए गए निर्देशों के आधार पर तीव्र निर्णय की क्षमता रखता है। हम कंप्यूटर में जो इनपुट देते हैं, कंप्यूटर उस पर तुरंत निर्णय लेता है और प्रोसेस कर मिनी सेकंड में हमें आउटपुट प्रदान करता है।
8) विविधता (versatility)
कंप्यूटर की सहायता से विभिन्न प्रकार के कार्य संपन्न किए जा सकते हैं। आज के आधुनिक कंप्यूटर में अलग-अलग तरह के कार्य एक साथ करने की क्षमता है।
9) पुनरावृति (Repetition)
कंप्यूटर को आदेश देकर एक ही तरह के कार्य बार-बार समान विश्वसनीयता और तीव्रता से कराए जा सकते हैं।
10) स्फूर्ति (Agility)
कंप्यूटर एक मशीन होने के कारण मानवी दोषों से रहित है। इसे थकान और बोरियत महसूस नहीं होती है और हर बार समान क्षमता से कार्य कर सकता है।
11) गोपनीयता (Secrecy)
पासवर्ड (Password) के प्रयोग द्वारा कंप्यूटर के कार्य को गोपनीय बनाया जा सकता है। पासवर्ड के प्रयोग से कंप्यूटर में रखे डाटा और कार्यक्रमों को केवल पासवर्ड जानने वाला व्यक्ति ही देख या बदल सकता है।
12) कारी की एकरूपता (Uniformity of Work)
बार-बार तथा लगातार एक ही कार्य करने के बावजूद कंप्यूटर के कार्य की गुणवत्ता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। कंप्यूटर एक मशीन होने के कारण यह मनुष्य की तरह एक कार्य को बार-बार करने पर थकान या बोरियत महसूस नहीं करता है और लगातार एक ही कार्यों को बार-बार करने की क्षमता रखता है।
13) विश्वसनीयता (Reliability)
कंप्यूटर प्रोसेस के पश्चात सही व भरोसेमंद परिणाम देता है तथा गलती की संभावना ना के बराबर होती है। कंप्यूटर में गलती केवल सॉफ्टवेयर या मनुष्य के कारण हो सकती हैं, अन्यथा यह हमेशा सही परिणाम देता है।
14) कागज के प्रयोग में कमी (Paperless Work)
कंप्यूटर के इस्तेमाल से कागज की खपत को कम किया जा सकता है। आज के समय में सरकार भी हर क्षेत्र में कागज को कम इस्तेमाल करने की नसीहत दे रहा है। और इसलिए सरकार हर क्षेत्र में डिजिटाइजेशन को बढ़ावा दे रही है। कंप्यूटर के सही प्रयोग से कागज की खपत में कमी की जा सकती है जिससे पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिलती है।
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कंप्यूटर की सीमाएं (Limitations of Computer)
कंप्यूटर की निम्नलिखित सीमाएं (Limitations) हैं :
1) बुद्धिहीन (No Mind)
कंप्यूटर में स्वयं की सोचने और निर्णय लेने की क्षमता नहीं होती है। यह केवल दिए गए दिशा निर्देशों के अंदर ही कार्य कर सकता है।
2) खर्चीला (Expensive)
कंप्यूटर के हार्डवेयर तथा सॉफ्टवेयर काफी महंगे होते हैं तथा इन्हें समय-समय पर आवश्यकता अनुसार परिवर्तित भी करना पड़ता है। हालांकि, आज के समय में कंप्यूटर की हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के कीमत में काफी गिरावट आई है, परंतु मध्यम वर्ग के लोगों के लिए आज भी यह खर्चीला (Expensive) है।
3) वायरस का खतरा (Immune to Virus)
कंप्यूटर में वायरस का खतरा बना रहता है, जो सूचना और निर्देशों को दूषित या समाप्त (Damage, Currupt, Delete) कर सकता है। यह वायरस कंप्यूटर की भंडारण क्षमता (Storage Capacity) को भी प्रभावित करते हैं। हालांकि, एंटीवायरस सॉफ्टवेयर (Antivirus Software) का प्रयोग करके इससे बचा जा सकता है।
4) विद्युत पर निर्भरता (Depends on Electricity)
कंप्यूटर अपने कार्य के लिए विद्युत पर निर्भर करता है तथा इसके अभाव में कोई भी कार्य संपन्न कर पाने में सक्षम नहीं है। आज के आधुनिक समय में लैपटॉप का प्रयोग किया जा रहा है जो बैटरी के रूप में इलेक्ट्रिसिटी पावर को स्टोर करके कार्य कर सकता है। परंतु यह भी indirectly electricity पर ही dependent है।
कंप्यूटर के अनुप्रयोग (Applications of Computer)
कंप्यूटर का प्रयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जा रहा है। वर्तमान में, शायद ही कोई ऐसा क्षेत्र है जहां कंप्यूटर का प्रयोग नहीं किया जा रहा है। निम्नलिखित क्षेत्रों में कंप्यूटर का विभिन्न अनुप्रयोग किया जा रहा है :
1) डाटा प्रोसेसिंग (Data Processing)
बड़े और विशाल सांख्यिकीय डेटा से सूचना तैयार करने में कंप्यूटर का प्रयोग किया जा रहा है। जनगणना, सांख्यिकीय विश्लेषण, परीक्षाओं के परिणाम, इत्यादि मैं इसका प्रयोग किया जा रहा है।
2) सूचनाओं का आदान प्रदान (Exchange of Information)
भंडारण की विभिन्न पद्धतियों के विकास और कम स्थान घेरने के कारण यह सूचनाओं के आदान-प्रदान के बेहतर माध्यम साबित हो रहे हैं। इंटरनेट के विकास ने तो इसे सूचना का राज्य मार्ग (Information Highway) बना दिया है।
3) शिक्षा (Education)
मल्टीमीडिया के विकास और कंप्यूटर आधारित शिक्षा ने इसे विद्यार्थियों के लिए उपयोगी बना दिया है। डिजिटल लाइब्रेरी ने पुस्तकों की सर्व सुलभता सुनिश्चित की है।
4) वैज्ञानिक अनुसंधान (Scientific Research)
विज्ञान के अनेक जटिल रहस्य को सुलझाने में कंप्यूटर की सहायता ली जा रही है।कंप्यूटर में परिस्थितियों का उचित आकलन भी संभव हो पाता है।
5) रेलवे और वायुयान आरक्षण (Railway and Airlines Reservation)
कंप्यूटर की सहायता से किसी भी स्थान से अन्य स्थानों के रेलवे और वायुयान के टिकट लिए जा सकते हैं तथा इसमें गलती की संभावना भी ना के बराबर होती है।
6) बैंक (Bank)
कंप्यूटर के अनुप्रयोग ने बैंकिंग क्षेत्र में क्रांति ला दी है। एटीएम (ATM - Automatic Teller Machine) तथा ऑनलाइन बैंकिंग, चेक के भुगतान, ECS (Electronic Clearing Service), रुपया गिनना तथा पासबुक एंट्री में कंप्यूटर का प्रयोग किया जा रहा है।
7) चिकित्सा (Medicine)
शरीर के अंदर के रोगों का पता लगाने, उनका विश्लेषण और निदान में कंप्यूटर का विस्तृत प्रयोग हो रहा है। सिटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे, तथा विभिन्न जांच में कंप्यूटर का प्रयोग हो रहा है।
8) रक्षा (Defence)
रक्षा अनुसंधान, वायुयान नियंत्रण, मिसाइल, रडार, आदि में कंप्यूटर का प्रयोग किया जा रहा है।
9) अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी (Space Technology)
कंप्यूटर के तीव्र गणना क्षमता के कारण ही ग्रहो, उपग्रहों और अंतरिक्ष की घटनाओं का सूक्ष्म अध्ययन किया जा सकता है। कृत्रिम उपग्रहों में भी कंप्यूटर का विशेष प्रयोग हो रहा है।
10) संचार (Communication)
आधुनिक संचार व्यवस्था कंप्यूटर के प्रयोग के बिना संभव नहीं है। टेलीफोन और इंटरनेट ने संचार क्रांति को जन्म दिया है। तंतु प्रकाशिकी संचरण (Fiber optics Communication) में कंप्यूटर का प्रयोग किया जाता है।
11) उद्योग और व्यापार (Industry and Business)
उद्योगों में कंप्यूटर के प्रयोग से बेहतर गुणवत्ता वाले वस्तुओं का उत्पादन संभव हो पाया है। व्यापार में कार्यों और स्टॉक का लेखा-जोखा रखने में कंप्यूटर सहयोगी सिद्ध हुआ है।
12) मनोरंजन (Recreation)
सिनेमा, टेलीविजन के कार्यक्रम, वीडियो गेम में कंप्यूटर का उपयोग कर प्रभावी मनोरंजन प्रस्तुत किया जा रहा है। मल्टीमीडिया के प्रयोग ने कंप्यूटर को मनोरंजन का उत्तम साधन बना दिया है।
13) प्रकाशन (Publishing)
प्रकाशन और छपाई में कंप्यूटर का प्रयोग इसे सुविधाजनक तथा आकर्षक बनाता है। लेखा चित्र और ग्राफ का निर्माण अब सुविधाजनक हो गया है।
14) प्रशासन (Administration)
प्रशासन में पारदर्शिता लाने, सरकार के कार्यों को जनता तक पहुंचाने तथा विभिन्न प्रशासनिक तंत्रों में बेहतर तालमेल के लिए ई-प्रशासन (e-governance) का उपयोग कंप्यूटर की सहायता से ही संभव हो पाया है।
15) डिजिटल पुस्तकालय (Digital Library)
पुस्तकों को अंकीय स्वरूप प्रदान कर उन्हें अत्यंत कम स्थान में अधिक समय के लिए सुरक्षित रखा जा सकता है। इसे इंटरनेट से जोड़ देने पर किसी भी स्थान से पुस्तकालय में संग्रहित सूचना को प्राप्त किया जा सकता है।
आजकल शायद ही कोई ऐसा क्षेत्र होगा जिस में कंप्यूटर का प्रयोग नहीं किया जा रहा है। पर्यावरण, पुस्तकालय, यातायात, पुलिस प्रशासन, मौसम विज्ञान, संगीत, चित्रकला, ज्योतिष, इंजीनियरिंग, डिजाइन इत्यादि अनेक क्षेत्रों में कंप्यूटर का प्रयोग किया जा रहा है।
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कंप्यूटर के अनुप्रयोग के प्रभाव (Impact of Computerization)
1) समय की बचत (Time Saving)
चुकीं कंप्यूटर के कार्य करने की गति अत्यंत तीव्र हैं, अतः मनुष्य द्वारा एक साल में पूरा किए जाने वाले कार्यों को कंप्यूटर की सहायता से कुछ ही मिनटों में किया जा सकता हैं।
2) त्रुटि रहित कार्य (Error Free Work)
कंप्यूटर के प्रयोग से कार्य में त्रुटि (error) की संभावना ना के बराबर होती हैं। जो त्रुटि होती भी है, तो वह गलत डाटा या गलत प्रोग्राम का परिणाम है, जिसे पहचान कर सही लिया जा सकता है।
3) कार्य की गुणवत्ता (Quality of Work)
चुकीं कंप्यूटर हर बार समान गुणवत्ता से कार्य करती हैं, अतः बार बार एक ही कार्य को करने के पश्चात भी उत्पाद की गुणवत्ता पर कोई असर नहीं होता।
4) कागच की बचत (Paperless Work)
डाटा संग्रहण के इलेक्ट्रॉनिक विधियों के उपयोग और उनकी विशाल भंडारण क्षमता के कारण कंप्यूटर के प्रयोग से कागज की बचत संभाव हो पाती हैं।
5) बेरोजगारी (Unemployment)
कंप्यूटर के विस्तृत अनुप्रयोग का एक नकारात्मक प्रभाव है। एक कंप्यूटर द्वारा सैकड़ों लोगों का कार्य किया जा सकता है जिससे लोगों की जीविका पर प्रभाव पड़ता है। परंतु वैकल्पिक व्यवस्था और समुचित विकास द्वारा इस पर काबू पाया जा सकता है। दूसरी तरफ, कंप्यूटर से संबंधित क्षेत्रों में रोजगार का सृजन भी किया जा सकता है।
रोचक तथ्य
>> भारत में कंप्यूटर का प्रथम प्रयोग 16 अगस्त 1986 को बेंगलुरु के प्रधान डाकघर में किया गया। जबकि भारत का प्रथम पूर्ण कंप्यूटरीकृत डाकघर नई दिल्ली है।
>> हर क्षेत्र में कंप्यूटर के वृहद अनुप्रयोग के कारण आधुनिक युग को "कंप्यूटर युग" (Computer Age) की संज्ञा दी जाती है।
>> 2 दिसंबर को प्रतिवर्ष विश्व कंप्यूटर साक्षरता दिवस (Computer Literacy Day) के रूप में मनाया जाता है।
>> भारत में पहला कंप्यूटर भारतीय सांख्यिकी संस्थान (Indian Statistical Institute) कलकत्ता में सन् 1956 में स्थापित किया गया था।
तो दोस्तो, अब आप सीख गए होंगे, कंप्यूटर क्या है? कंप्यूटर की परिभाषा? कंप्यूटर की विशेषता? कंप्यूटर का महत्व? कंप्यूटर का फुल फॉर्म? इत्यादि। यह सभी आप अच्छे से समझ गए होंगे। उम्मीद करता हूँ की आपको पोस्ट पसंद आई होगी। और मेरे बताये गए सभी बाते आपको समझ में भी आ गई होंगी। अगर आपके मन में अभी भी कोई सवाल है, तो आप हमें कमेंट करके पूछ सकते है। पोस्ट पसंद आई हो तो प्लीज इस पोस्ट को अपने सभी दोस्तों के साथ सोशल मीडिया में जरूर शेयर करें। इसके अलावा THG को Follow करके सभी नए पोस्ट की जानकारी लगातार प्राप्त कर सकते है।
Thanks / धन्यवाद
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